नई दिल्ली: उच्च सदन में विपक्ष के हंगामे पर जारी हुआ बावल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपने साथ हुए बर्ताव से नाराज उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास की घोषणा की है. इस बाबत हरिवंश ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को पत्र लिखा है। इस चिट्ठी को साझा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसमें सच्चाई भी, संवेदनाएं भी, इसे अवश्य पढ़ें. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, 'माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा. पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है. यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी. इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी. मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें.' बता दें कि हरिवंश ने अपने पत्र में लिखा था कि, '20 सितंबर को उच्च सदन में जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है.' उन्होंने आगे लिखा कि, सदन के माननीय सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ. आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई. उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाई गईं। सदन में माननीय सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी, मेरे ऊपर फेंका.' हरिवंश ने अपने पत्र के शुरू में लिखा कि, 'राज्यसभा में जो हुआ, उससे पिछले दो दिन से मैं गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं. पूरी रात सो नहीं पाया. मुझे लगता है कि मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास रखना चाहिए. शायद उससे सदस्यों के भीतर आत्मशुद्धि का भाव जागृत हो.' सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी से राजमार्गों के काम को लेकर कही ये बात कृषि बिलों को राहुल गाँधी ने बताया काला कानून, मोदी सरकार पर यूँ कसा तंज अब संयुक्त अरब अमीरात और इसराइल क्षेत्रीय फिल्म समारोह के लिए हुए साथ