नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से आरंभ हो गया है। आज ही राज्यसभा का 250वां सत्र है। इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी राज्यसभा को संबोधित कर रहे हैं। उच्च सदन में पीएम मोदी ने कहा कि, 'राज्य सभा के 250वें सत्र के दौरान मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं। लेकिन 250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।' पीएम मोदी ने आगे कहा कि, '250 सत्रों का ये समय अपने आप ही व्यतीत हुआ, ऐसा नहीं है। यह एक विचार यात्रा रही। समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने की कोशिश की। सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। कभी संविधान निर्माताओं के बीच में चर्चा चल रही थी कि सदन एक हो या दो हो, किन्तु अनुभव कहता है कि संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी है वो कितनी उपयुक्त है। यदि निचला सदन जमीन से जुड़ा हुआ है तो दूसरा उच्च सदन दूरदर्शी है।' उन्होंने कहा कि, 'भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से सम्बंधित चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो राज्यसभा से दूर दृष्टि का अनुभव होता है। इस सदन के दो खास पहलू हैं- पहला स्थायित्व, दूसरा विविधता। स्थायित्व इसलिए अहम है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है, किन्तु राज्य सभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां प्रदेशों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है।' उद्धव ठाकरे का अयोध्या दौरा स्थगित, दिया महाराष्ट्र की सत्ता का हवाला ताजनगरी आगरा का नाम बदलने की तैयारी में योगी सरकार, ये हो सकता है नया नाम तमिलनाडु की सियासत में जल्द होगी 'थलाइवा' की एंट्री, चुनावी दंगल में उतरने के लिए बनाया प्लान