वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का विश्व, परिणाम के साथ ही प्रमाण भी चाहती है। उन्होंने कहा कि, हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था को इस लिहाज से तैयार करना होगा कि विश्व में हमारी चीजों को स्वीकार करे और उसका लोहा माने। खासतौर पर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने उक्त बातें कही। पीएम मोदी ने कहा कि, 'अगर हम आयुर्वेद की बात करें, तो हम भले ही उसमें आगे हैं और उससे परिणाम भी मिलते हैं, मगर प्रमाण नहीं मिलते हैं। हमारे पास डेटा बेस होना चाहिए। हम भावनाओं के आधार पर दुनिया नहीं बदल सकते। यही कारण है कि परिणाम के साथ ही प्रमाण की भी आवश्यकता है।' पीएम मोदी बोले कि इसलिए यूनिवर्सिटीज को इस पर काम करना चाहिए कि परिणाम हैं तो फिर प्रमाण भी खोजे जाएं। समृद्ध देश भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी आबादी में बड़ा हिस्सा बुजुर्गों का है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा देश युवा है और कभी ऐसा ही दौर यहां भी आ सकता है। क्या विश्व में अभी से कोई है, जो इस पर काम कर रहा है। इस पर हमें सोचना चाहिए। यही भविष्य की सोच है और यह फ्यूचर रेडी विचार ही अच्छी शिक्षा की बुनियाद हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम इस पैटर्न पर काम करें तो फिर मुझे विश्वास है कि आने वाले दौर में वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभऱ सकता है। इसके लिए हमें अपने एजुकेशन सिस्टम को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार तैयार करना होगा। 'गर्दन अलग कर देंगे अगर हिंदू धर्म में...', महुआ का बयान सुन बोले कैलाश विजयवर्गीय इंदौर: चंदू शिंदे की गाड़ी पर महिलाओं ने किया हमला, भाजपा नेता ने कांग्रेस पर लगाए आरोप 'वह मेरी निजी राय..', महुआ मोइत्रा का समर्थन करने के बाद थरूर ने दी सफाई