नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए आज पीएम मोदी हफ्ते में दूसरी बार राष्ट्र को सम्बोधित करने वाले हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी अनुच्छेद 360 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करके वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। बता दें किअनुच्छेद 360 में कहा गया है कि यदि राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत की वित्तीय स्थिरता या उसके किसी हिस्से को खतरा हो गया है, तो राष्ट्रपति वित्तीय आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर सकते हैं। अनुच्छेद 360 के तहत:- “अगर हमारे राष्ट्रपति जी को लगे कि कोई क्षेत्र या फिर पूरे देश में आर्थनैतिक मंदी बहुत नीचे तक चली गई है, या फिर सरकार के पास काम चलाने को धनराशि नहीं है, अथवा कहीं से लाने का साधन भी नहीं है या फिर ऐसी कोई आर्थिक दुर्व्यवस्था है, तब वो देश या प्रदेश में “ वित्तीय आपातकाल” घोषणा कर सकते हैं। इस घोषणा के तहत - सरकारी कर्मचारियों के वेतन राशि को घटाये जाने पर कोई विरोध नहीं हो सकता। सारे आर्थिक बिल को राष्ट्रपति जी की मुहर लगती है। सेवा कर तथा आयकर में सरकार बढ़ोत्तरी कर सकते हैं आदि। सरकार बैंक तथा आरबीआई को कह कर ब्याज फिर रेपो रेट बढ़ा भी सकती हैं। कहने की बात यह है कि सरकार तब वित्तीय अवस्था सुधारने हेतु जो भी पदक्षेप लेगी, उसका जनसाधारण विरोध नहीं कर सकती। यहाँ पर ध्यान देना पड़ेगा कि सरकार आर्थिक रूप से निम्न वर्ग के लोगों ऊपर कोई भार नहीं डालेगी। बस मध्यम तथा धनी श्रेणी से भरपाई करेगी। कोरोना : इस अस्पताल की क्वरांटाइन व्यवस्था पर भड़का दुबई से लौटा शख्स पेट्रोल-डीजल के दामों में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानिए आज के भाव कोरोना : इस शहर में घरेलू एयरलाइंस बंद होने पर छात्रों ने मचाया बवाल