नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी में मोदी सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए एक मेगा प्लान लेकर आई है. इसके तहत लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा रोडमैप तैयार किया गया है. इसे गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम दिया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून को इस योजना को लॉन्च करेंगे. पीएम मोदी कि अगुवाई में केंद्र सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों के हितों के लिए कदम उठा रही है. फिर चाहे वह 1.70 लाख करोड़ का गरीब कल्याण पैकेज हो या, 20 लाख करोड़ के पैकेज से आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प हो. अब इस नई योजना से सरकार का मकसद कोरोना संकटकाल में भी ग्रामीण भारत में रोजगार को बरक़रार रखना है. इस स्कीम में बिहार सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा इन 6 प्रदेशों के 116 जिलों को कवर किया जाएगा. यहां बीते दिनों में 25 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक लौटे हैं. गरीब किसान कल्याण रोजगार अभियान 125 दिनों का है, जो मिशन मोड पर चलाया जाएगा. इसका मकसद लॉकडाउन के दौरान लौटने वाले श्रमिकों के लिए रोजगार, आजीविका, गरीब कल्याण सुविधाओं और कौशल विकास के फायदे को सुनिश्चित करना है. इसके तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए 25 तरह के काम शामिल किए गए हैं. इस स्कीम में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. चीन के दावों पर विदेश मंत्रालय ने कही यह बात चीनी सैनिकों से हुई झड़प में शहीद हुए जवानों के नाम आए सामने, सबसे ज्यादा बिहार रेजिमेंट के मात्र 20 मिनट में कोरोना का परिणाम सामने ला देती है यह टेस्टिंग किट