नई दिल्ली: पीएम मोदी सुचारू रूप से संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र से पहले शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वदलीय बैठक का नेतृत्व करेंगे. सितंबर में पारित हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. आंदोलनकारी किसानों की मांग यही है कि सरकार इन कानूनों को रद्द कर दें, किन्तु सरकार ने इसके समर्थन में कोई बात नहीं कही है. शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नेताओं संग एक बैठक की, जिसमें हिस्सा लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में सभी पार्टियों के नेताओं से सदन की गरिमा का सम्मान करने का आग्रह किया गया है, कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है. बता दें कि कुल 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस अभिभाषण का बहिष्कार किया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन को लेकर समाधान ढूंढ़ना चाहिए. कांग्रेस के साथ 17 विपक्षी दलों ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया था. ये किसान 26 नवंबर से दिल्ली सहित सिंघू, टिकरी गाजीपुर की बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे हैं. संजय सिंह बोले- हमें संसद में घुसने से रोक सकते हैं, लेकिन किसानों की आवाज़ उठाने से नहीं केरल डॉलर तस्करी मामले में विधान सभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन से किए जाएंगे सवाल हिमंत बिस्वा सरमा ने बीटीआर में दो सरकारी मॉडल कॉलेजों और ब्रिज के लिए फाउंडेशन स्टोन्स की स्थापना की