नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चाइना की शह पर भारत विरोधी रूख की वजह जाने जाते हैं. सोमवार को ओली ने भगवान राम और अयोध्‍या केस में विवादित बयान जारी किया था. वही, आज नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अयोध्या और भगवान राम पर पीएम केपी ओली की टिप्पणी पर सफाई देते हुए बताया कि टिप्पणी किसी भी राजनीतिक केस से जुड़ी हुई नहीं है. किसी की भावनाओं को नुकसान पहुंचाने का कोई इच्छा नहीं है. इसका मकसद अयोध्या के सांकेतिक और सांस्कृतिक कीमत को कम करना नहीं है. कोरोना के खिलाफ जारी जंग में वैज्ञानिकों के हाथ लगा बड़ा हथियार सोमवार को काठमांडु में प्रधानमंत्री आवास में प्रायोजित एक आयोजन में पीएम ओली ने बताया था कि अयोध्या वास्तव में नेपाल के बीरभूमि शहर के पश्चिम स्थित थोरी जिले में है. देश दावा करता है कि भगवान राम का बर्थ वहां हुआ था. उसके इसी निरंतर दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता की शादी भारत के राजकुमार राम से हुआ थी. लेकिन वास्तव में अयोध्या बीरभूमि के पास मौजूद एक गांव है. ओली ने देश पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए बताया था कि देश ने एक नकली अयोध्या को बनाया है. महिला को नहीं था कोरोना संक्रमण, फिर भी 71 लोगों में फैला दिया वायरस अपने संबोधन में उन्होंने दावा किया था कि बाल्‍मीकि निवास नेपाल में है. वह पवित्र जगह जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए हवन किया था, वह रिदि है. दशरथ के बेटे राम एक भारतीय नहीं थे और अयोध्या भी नेपाल में स्थित है. ओली ने अपने इन दावों पर अजीबोगरीब दलील देते हुए बताया कि जब संचार का कोई माध्यम ही नहीं था तो भगवान राम सीता से शादी करने जनकपुर कैसे आए?. साथ ही उन्होंने दावा किया कि भगवान राम के लिए ये मुमकिन नही था कि वह भारत में मौजूदा अयोध्या से जनकपुर तक आते. विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने किया फैसला,अमेरिका बदले अपनी नीति 3000 का खाना खाकर 75 हज़ार की टिप दे गया कस्टमर, भावुक होकर रो पड़ी वेटर जानिए आखिर क्यों विश्वकप फाइनल में स्टोक्स ने लिया था ब्रेक