पीएनबी घोटाला : गैरों ने नहीं अपनों ने लूटा

नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक के सबसे बड़े 11 हजार 360 करोड़ के बड़े घोटाले के बाद यह मामला पूरे देश में चर्चा में हैं . इस बीच आईआईएम बेंगलुरु के अध्ययन से पता चला कि देश के सरकारी बैंकों को 2012 से 2016 के बीच फर्जीवाड़े से कुल 227.43 अरब रुपये की धोखाधड़ी की गई . जबकि 1 जनवरी से 21 दिसंबर 2017 तक 179 करोड़ रुपये के बैंक फर्जीवाड़े सामने आए.इस काम को क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से अंजाम दिया गया.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में केवल पंजाब नेशनल बैंक ही नहीं, बल्कि अन्य बैंकों में भी धोखाधड़ी हुई है .मार्च 2017 में आरबीआई द्वारा जारी आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2016-17 सितंबर तक आईसीआईसीआई बैंक से 1 लाख रुपये या ज्यादा की रकम के 455 फर्जी लेनदेन पकड़े गए, जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के 429, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के 244 और एचडीएफसी बैंक के 237 फर्जी लेनदेन सामने आए.

लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि इस धोखाधड़ी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 64 , एचडीएफसी बैंक के 49 और ऐक्सिस बैंक के 35 कर्मचारियों की भूमिका इन फर्जी लेनदेन में देखी गई. पीएनबी घोटाले में भी उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी की प्रमुख भूमिका थी ,जो अब फरार है .अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच 177.50 अरब रुपए के फर्जीवाड़े के 3,870 दर्ज मामलों में सरकारी बैंकों के 450 कर्मचारी लिप्त पाए गए.

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पीएनबी घोटालें की शुरुआत कहां से हुई ?

PNB का महाघोटालेबाज नीरव मोदी न्यूयार्क में

 

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