1. अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे, ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे. 2. लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे, पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे, उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद, और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे. 3. हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते, जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते, अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते. 4. चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं, इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं, महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश, जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है. 5. तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके, दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके, मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी, तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके. 6. आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो, एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो, दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो. 7. अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको, वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं, मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था, मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं. ये हैं दोस्ती की बेमिसाल तस्वीरें, देखकर हैरान रह जायेंगे आत्महत्या करने चढ़ा था टॉवर पर, उसके बाद जो हुआ वो काफी मजेदार था आने वाले सालों में ये नौकरियां ख़त्म हो जाएँगी