हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए, पर “माँ “अकेली ही काफी है, बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..! हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा, ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा, रब हर एक माँ को सलामत रखना, वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा. ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश … मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे..!!! माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया जिसको निगाहों में बिठाया जाए रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये. जिँदगी की पहली Teacher ‎माँ, जिँदगी की पहली Friend माँ, Jindagi भी माँ ‎क्योँकि, ‎Zindagi देने वाली भी माँ. बच्चों को खिलाकर जब सुलादेती है माँ, तब जाकर थोडा सा सुकोन पाती है माँ, प्यार कहते हैं किसे ? और ममता क्या चीज़ है ?, कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी गुज़र जाती है माँ, चाहे हम खुशियों में माँ को भूल जाएँ , जब मुसीबत सर पर आती है तो याद आती है माँ. यहाँ तैयार हो रहा है 'हवाई रेस्त्रां' बाथरूम में देखा कुछ ऐसा कि महिला के मुंह से निकल गई चीख जब मंगल की सतह पर वैज्ञानिकों को मिली हैरतअंगेज़ तस्वीर