1. आज फिर माँ मुझे मारेगी बहुत रोने पर आज फिर गाँव में आया है खिलौने वाला. 2. ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है. 3. बच्चे फ़रेब खा के चटाई पे सो गए इक माँ उबालती रही पथर तमाम रात. 4. बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है वफ़ा-ए-दोस्ताँ बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है. 5. भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए जब मेरी चिंता बढ़े माँ सपने में आए. 6. बूढ़ी माँ का शायद लौट आया बचपन गुड़ियों का अम्बार लगा कर बैठ गई. 7. चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है. 8. दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए. 9. एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश' मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है. 10. घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में. 11. घर से निकले हुए बेटों का मुक़द्दर मालूम माँ के क़दमों में भी जन्नत नहीं मिलने वाली. 12. इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर मेरी शह-रग पे मिरी माँ की दुआ रक्खी थी. संडे को ही क्यों माना जाता है छुट्टी का दिन ? आपके अलावा और कौन यूज़ करता है आपका वॉशरूम, जानें ये है दुनिया की सबसे खतरनाक जेल