30 साल पहले भी पुलिस और वकीलों में हुई थी झड़प, लेकिन तब DCP थीं किरण बेदी...

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों की बीच भड़की हिंसा के बाद अब पुलिसकर्मी विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अपील के बाद भी मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने पुलिस  मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। जवानों ने नारे लगाते हुए कहा, पुलिस कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो। दरअसल, किरण बेदी के DCP रहते हुए भी ऐसा वाकया हुआ था। 

यह घटना 17 फरवरी 1988 की है। इस दिन डीसीपी किरण बेदी के कार्यालय में वकील पहुंचे हुए थे। इस बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई जो झड़प में बदल गई, इस दौरान बेकाबू भीड़ की वजह से हालात ऐसे हो गए कि किरण बेदी को लाठीचार्ज कराना पड़ा। इसका प्रभाव  यह हुआ कि वकीलों ने दिल्ली की सभी कोर्ट्स को बंद करा दिया। हालांकि इसके बाद भी एक जस्टिस ऐसे थे, जिन्होंने अपनी कोर्ट को खोले रखा और फैसले सुनाए।

बवाल वाले दिन 17 फरवरी 1988 का जिक्र करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एसएन ढींगरा बताते हैं कि उस दिन डीसीपी कार्यालय में वकीलों की वजह से हालात बेकाबू हो गए थे, ऐसे में लाठीचार्ज तक नौबत आ गई थी। उन्होंने कहा कि जब तक हालात अनियंत्रित न हो, तब तक कोई भी पुलिस अधिकारी लाठीचार्ज नहीं कराता। आखिर वह बैठे-बिठाए मुसीबत क्यों मोल लेना चाहेगा। बता दें कि किरण बेदी हमेशा अपने फैसलों के कारण सुर्ख़ियों में रहीं थीं। उन्हें 'क्रेन' बेदी के भी कहा जाता है। दिल्ली ट्रैफिक में तैनाती के दौरान उन्होंने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवा लिया था।

अगले 48 घंटे शिवसेना करेगी भाजपा के जवाब का इंतज़ार, पार्टी का प्‍लान-B भी तैयार

अयोध्या मामले को लेकर ना बिगड़े हालात, इसलिए विहिप ने अनर्गल बयानबाज़ी पर लगाई रोक

दिल्ली में सड़कों पर उतरे पुलिस, कांग्रेस बोली- मोदी हैं तो ही ये मुमकिन है

 

Related News