उज्जैन/ब्यूरो। बहुचर्चित मोती नगर हत्याकांड में पुलिस ने पांच लोगों की फरियादी पक्ष के द्वारा तीन बार एसपी आफिस पर धरना देने के बाद गिरफ्तारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जबकि इस मामले में फरियादी के कथनानुसार राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते नानाखेड़ा पुलिस ने कुछ लोगों को इस प्रकरण से बाहर रखकर जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यह आरोप इस घटना में लहूलुहान हुए अर्जुन डाबी ने लगाते हुए बताया कि घटना में उसके पिता करण सिंह डाबी की आरोपियों ने जानलेवा हमला कर हत्या कर दी थी। वह अपने पिता को बचाने के चक्कर में गंभीर रूप से जख्मी होकर उपचार ले रहा था। फरियादी के अनुसार पुलिस ने राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते लेखराज पिता पूरण बामणिया और कुछ अन्य आरोपियों को इस प्रकरण से क्लीन चिट देकर पुलिस कार्रवाई को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा किया है। फरियादी अर्जुन सिंह के अनुसार पुलिस मामले में आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ करेगी तो मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा। फरियादी का यह भी आरोप है कि पार्षद पति बाबूलाल वाघेला के द्वारा अपने पुत्र और अन्य रिश्तेदारों को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बना हुआ है जिसके चलते फरियादी के द्वारा दिए गए लिखित आवेदन को जांच में ना लेकर घटनास्थल पर मौजूद पार्षद पुत्र के साथियों को बचाया जा रहा है। फरियादी अर्जुन डाबी के अनुसार पुलिस इस प्रकरण में घटना वाले दिन से ही आरोपियों को नामजद करने में ढुलमुल नीति अपना रही थी और जिन आरोपियों के नाम प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा बताए गए थे उनको पुलिस बचाने में लगी हुई थी। पुलिस इस प्रकरण में पार्षद पति बाबूलाल वाघेला के दबाव में कार्य कर रही है जिससे इस घटना मैं शामिल लेखराज और अन्य के नाम एफ आई आर दर्ज नहीं किए गए है। जिसकी वजह से पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। पार्षदों को अपना जूठा पानी पिला रहा था मुस्लिम कर्मचारी, बवाल के बाद हुई कार्रवाई राधे-राधे करते बांके बिहारी पहुंचीं कंगना रनौत, परिवार संग की पूजा-अर्चना इंग्लैंड में हिंदू मंदिर पर हमला, धार्मिक ध्वज को उतारकर जलाया!