एमपी में पुलिस का सर्विस रिकॉर्ड मेंटेन नहीं है. ये गलती प्रशासन शाखा की तरफ से नहीं की गयी है, किन्तु पुलिस स्टाफ की गलत का परिणाम है. वो सर्विस रिकॉर्ड में अपनी और अपने फैमिली की आवश्यक सूचना अपडेट नहीं कर रहा है. प्रशासन शाखा की जांच में जब पता चला कि कई पुलिस अफसरों कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड अधूरा है, तब सभी पुलिस इकाइयों को मेल भेजकर जानकारी मांगी गई है. भगवा राज की शुरुआत, 250 मुस्लिमों ने अपनाया हिन्दू धर्म पुलिस दफ्तर की प्रशासन शाखा के एडीजी अन्वेष मंगलम ने राज्य की सभी पुलिस इकाइयों को सर्विस रिकॉर्ड के जुडे खत लिखा है. इसमें कहा गया कि अनहोनी घटना में पुलिस कर्मचारीयों के कुछ लोगों की मृत्यु के पश्चात यह सूचना में आया है कि सर्विस रिकॉर्ड का पहला पेज लेमिनेशन, शादीशुदा कर्मचारी का सपत्नी फोटो, नॉमिनेशन फॉर्म, जन्मतिथि, वर्तमान पता, स्थाई गृह जिला आदि महत्वपूर्ण जानकारी नहीं भरी गयी है. उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि इसी कारण सभी अधिकारी कर्मचारी और उनके परिवारों को अनहोनी की स्थिति में दिक्कत होती है. इसलिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसमें पंद्रह दिन के भीतर सर्विस रिपोर्ट में जो कमियां हैं, उन्हें अपडेट किया जाएगा. आदित्य ठाकरे के जवाब पर कंगना ने किया पलटवार, पूछे ये 7 प्रश्न एमपी में लगभग डेढ़ लाख का पुलिस स्टाफ हैं. इनमें कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अफसर तक सम्मिलित हैं. इन सभी का रिकॉर्ड पुलिस दफ्तर की प्रशासन शाखा में रहता है.प्रशासन शाखा ये रिकॉर्ड मेंटेन करती है. हाल ही में कुछ ऐसे केस आए जिनमें पुलिस स्टाफ के साथ अनहोनी होने पर जब उनका रिकॉर्ड निकाला गया तो वो अधूरा था. ऐसे में उनका जीपीएफ और ग्रेच्यूटी का भुगतान लेने के लिए फैमिली को परेशान होना पड़ा. उत्तराखंड में 8000 के पार पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रबीन्द्रनाथ टैगोर : नोबेल पुरष्कार पाने वाले पहले भारतीय, ब्रिटिश सरकार ने दी 'सर' की उपाधि जानिए क्या हुआ था जब श्रीलंका ने इंडिया के जीता हुआ मैच दिया था हरा