लखनऊ: रामनगरी अयोध्या के कल्याण भदरसा में बनाए गए श्री योगी मंदिर में लगाई गई सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की मूर्ति को हटा दिया गया है। यह कार्रवाई मंदिर के संस्थापक प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य की शिकायत के आधार पर की गई है। रामनाथ मौर्य ने सीएम योगी सहित अयोध्या प्रशासन से शिकायत की थी कि जिस बंजर (सरकारी) भूमि पर श्रीयोगी मंदिर बनाया गया है, उस पर पुश्तैनी कब्जा था, मगर प्रभाकर मौर्य ने योगी मंदिर बनाकर उसका हिस्सा भी कब्जा लिया है। हालाकि प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी कैमरे पर तो नहीं, मगर बात करने पर यह कह रहे हैं कि भूमि की पैमाईश के लिए टीम गई थी। प्रतिमा के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मौके पर श्री योगी मंदिर तो है, किन्तु उस पर बड़ा ताला बंद है और दरवाजे के पीछे पर्दा लगा है। दरवाजे की कुंडी टेढ़ी हो गई है। दरवाजे के बीच में से देखने पर मंदिर में न तो योगी की प्रतिमा नज़र आ रही है और न ही उस पर चांदी का छत्र, जो मेरठ के एक व्यक्ति ने आकर लगवाया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, रविवार की दोपहर PAC के साथ बड़ी तादाद में पुलिस आई थी जो मंदिर से प्रतिमा को निकालकर कपड़े में लपेट कर अपने साथ ले गई। बताया जा रहा है कि, किसी भी व्यक्ति को पुलिस के जवानों ने मंदिर के पास आने नहीं दिया, इसलिए किसी की उपस्थिति वहां नहीं थी। इस पूरे मामले की शिकायत करने वाले प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य कहते हैं कि पुलिस और PAC आए थे और मंदिर से प्रतिमा लेकर चले गए, यह उनकी शिकायत के बाद हुआ है। ईश्वर चंद्र 'विद्यासागर' की जयंती आज, शिक्षा के क्षेत्र में किए थे अद्भुत काम तीन दिन लगातार बारिश के बाद दिल्ली-NCR में बदला मौसम, छाने लगा कोहरा 'बंगाल को बदनाम किया जा रहा..', महालया पर सीएम ममता ने विरोधियों पर साधा निशाना