राजस्थान में पानी की भारी किल्लत : नीति आयोग

जयपुर : हमारा देश इस समय भीषण जल संकट की मार से गुजर रहा हैं. देश के कई हिस्सों में पानी जरुरत से कई गुना कम हैं. इसी श्रेणी में देश का राजस्थान प्रमुख रूप से शामिल हैं. यहां जल प्रबंधन के हालात काफी नाजुक हैं. भीषण गर्मी के साथ-साथ लोग जल संकट से भी गुजर रहे हैं. लाखों लोगों को इसका प्रत्यक्ष रुप से ख़ामियाजा भुगतना पड़ रहा हैं. एक सर्वे के मुताबिक, देश की करीब 45 प्रतिशत आबादी पानी की मार से खुद को बचा नहीं पा रही हैं. 

देश की 75 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जिसे पानी के लिए दूर-दूर तक का सफर तय करना पड़ता हैं. तब जाकर उन्हें पानी नसीब होता हैं. इन हालातों को देखने के बाद भी राजस्थान पानी के लिए सचेत नहीं हैं. नीति आयोग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमे राजस्थान देश में जल प्रबंधन करने वाले 5 देशों की सूची में भी शामिल नहीं हैं. जल प्रबंधन के मामले में पहले स्थान पर गुजरात, दूसरी पर मध्यप्रदेश, तीसरे पर आंध्रप्रदेश, चौथे पर कर्नाटक और पांचवे नंबर पर महाराष्ट्र मौजूद हैं. 

नीति आयोग की रिपोर्ट की माने तो गांवों में 84 प्रतिशत आबादी जलापूर्ति से वंचित है. जिन्हे पानी मिल रहा है, उसमें 70 प्रतिशत प्रदूषित है. नदी विकास, जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत तथा उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ‘समेकित जल प्रबंधन सूचकांक’ नाम से गुरुवार काे यह रिपोर्ट जारी की. खराब जल प्रबंधन वाले राज्यों के बात की जाए तो इसमें पहले नंबर पर झारखंड, दूसरे नंबर पर हरियाणा, तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और चौथे स्थान पर बिहार मौजूद हैं. 

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