नई दिल्ली : नीति आयोग ने उस देश में काम करने वाली बड़ी कंपनियों को भारत में आकर्षित करने पर जोर दिया है ,जहां प्रतिस्पर्धी मजदूरी पर बड़े कार्यबल उपलब्ध हैं. आयोग के अनुसार दक्षिण कोरिया, ताइवान, सिंगापुर और चीन जैसे कुछ ऐसे देश हैं जो तेजी से स्वयं को रूपांतरित करने में सफल हुए हैं. चीन के अनुभव का जिक्र कर आयोग ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र तथा व्यापक वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की काबिलियत कम और अर्ध-कुशल कामगारों के लिये बेहतर वेतन वाले रोजगार सृजित करने के लिये जरूरी है. उल्लेखनीय है कि नीति निर्माण वाली सरकार की शीर्ष संस्था नीति आयोग का मानना है कि देश के समक्ष बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या अर्ध बेरोजगारी है, क्योंकि जिस काम को एक व्यक्ति कर सकता है, उसे प्राय: दो या उससे अधिक कर्मचारी करते हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में कम रोजगार सृजित होने पर कांग्रेस की आलोचना के दौरान यह बात सामने आई है. बता दें कि वर्ष 2017-18 से 2019-20 के तीन सालों के लिये कार्य एजेंडा की मसौदा रिपोर्ट में नीति आयोग ने उच्च उत्पादकता और उच्च मजदूरी वाले रोजगार सृजन पर जोर दिया है. इसमें कहा गया है, बेरोजगारी समस्या है, लेकिन इसके बजाए सबसे गंभीर समस्या अर्ध बेरोजगारी है. क्योंकि एक काम को जो एक कर्मचारी कर सकता है, उसे प्राय: दो या तीन कर्मचारी करते हैं.मसौदा रिपोर्ट नीति आयोग की संचालन परिषद के सदस्यों को 23 अप्रैल को सौंपी गई. यह भी देखें नीति आयोग का सुझाव, 2024 से एक साथ हों लोकसभा और विधानसभा चुनाव भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के जरिए ग्लोबल लीडर बनने की तैयारी में