गांधी परिवार के नए सदस्य की राजनितिक लॉन्चिंग..! मामा राहुल संग रेहान के सियासी मायने

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह दिल्ली स्थित 10 जनपथ आवास पर रंगाई-पुताई करने वाले मजदूरों के साथ बातचीत करते और खुद भी पेंट ब्रश चलाते दिख रहे हैं। इस वीडियो में उनके साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के बेटे, रेहान वाड्रा भी मौजूद थे। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया, “एक दिवाली उनके साथ, जिनकी मेहनत से रौशन है भारत!”, और इसे देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रेहान वाड्रा राजनीति में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं।

 

इस वीडियो का समय काफी दिलचस्प है, क्योंकि यह प्रियंका गांधी वाड्रा के हालिया चुनावी सक्रियता के तुरंत बाद आया है। प्रियंका ने कुछ ही दिन पहले लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, एक सीट जो राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इस समय कांग्रेस समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों में यह चर्चा हो रही है कि गांधी-नेहरू परिवार की पांचवीं पीढ़ी, रेहान वाड्रा को "सॉफ्ट लॉन्च" किया जा रहा है। कांग्रेस की परंपरा और परिवार की भूमिका के मद्देनजर, यह सवाल उठ रहा है कि क्या रेहान को पार्टी का युवा चेहरा बनाकर प्रस्तुत किया जाएगा।

24 वर्षीय रेहान वाड्रा फिलहाल एक विज़ुअल आर्टिस्ट और क्यूरेटर के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने नई दिल्ली और मुंबई सहित कई शहरों में अपनी कलाकृतियों की प्रदर्शनियां आयोजित की हैं। उनका काम मुख्य रूप से वन्यजीव और सड़क फोटोग्राफी पर आधारित है। लेकिन अब इस वीडियो के जरिए रेहान को राहुल गांधी के करीब और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते देखना एक संभावित संकेत माना जा रहा है कि वह राजनीति में अपनी रुचि दिखा सकते हैं।

वीडियो में, राहुल गांधी कहते हैं कि दीपावली के त्योहार के दौरान हम आमतौर पर उन लोगों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिनकी कड़ी मेहनत हमारे घरों को रौशन करती है। उन्होंने मजदूरों से उनकी समस्याओं और दैनिक जीवन की चुनौतियों के बारे में भी बात की। रेहान, राहुल की मदद करते हुए नजर आते हैं, और यह दृश्य लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि शायद रेहान भविष्य में कांग्रेस के एक सक्रिय युवा नेता के रूप में उभर सकते हैं।

गांधी परिवार की राजनीति में पीढ़ी दर पीढ़ी भूमिका निभाने की परंपरा पर गौर करें, तो यह संभावना और भी मजबूत लगती है। सोनिया गांधी के शुरुआती दावों के बावजूद कि उनके बच्चे राजनीति में नहीं आएंगे, समय के साथ राहुल और प्रियंका दोनों सक्रिय राजनीति में उतर आए। दरअसल, एक बयान में सोनिया गांधी ने कहा तथा कि मेरे बच्चे भीख मांग लेंगे, लेकिन कभी राजनीति में नहीं आएँगे, पर अब उनके बच्चे ही कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं और सक्रीय राजनीति कर रहे हैं। प्रियंका गांधी अब लोकसभा उपचुनाव में वायनाड जैसी सुरक्षित सीट से संसद में प्रवेश करने की ओर अग्रसर हैं। इसके चलते राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अब गांधी परिवार की नई पीढ़ी, यानी रेहान वाड्रा, कांग्रेस का नेतृत्व संभालने के लिए तैयार हो सकती है।

हालांकि, प्रियंका गांधी ने कई बार कहा है कि उनके बच्चों की राजनीति में रुचि नहीं है, फिर भी ऐसा ही दावा कभी सोनिया गांधी ने भी किया था। लेकिन इतिहास गवाह है कि परिस्थितियाँ और परिवार की परंपराएं अक्सर इन दावों को बदल देती हैं। इस समय कांग्रेस एक नई दिशा और युवा नेतृत्व की तलाश में है, और रेहान वाड्रा को इसी भूमिका के लिए तैयार किया जा सकता है।

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