राजनीतिक दलों को दिसंबर तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के सचिव हसमुख अधिया के मुताबिक राजनीतिक दल अगर अपना ऑडिटेड इनकम टैक्स दिसंबर तक दाखिल नहीं करेंगी तो उन्हें टैक्स में मिलने वाला रियायत नहीं मिलेगा। साथ ही यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक बाउंड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों जो नाम उनका खुलासा नहीं किया जायेगा। बुधवार को सरकार द्वारा पेश 2017-18 के बजट में चुनावी बांड शुरू करने का फैसला किया है। और बैंकों से यह बांड खरीदने वालों का नाम गुप्त रखने को कहा है इसके लिए कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव है। लेकिन आधे दल ऐसे हैं जो अपनी आय और निवेश का विवरण आईटीआर विभाग में प्रस्तुत नहीं करते। राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस प्रस्ताव के बारे में बजट के साथ प्रस्तुत वित्त विधेयक आयकर कानून में इसका संशोधन किया है जिसके अन्तर्गत सभी पार्टियों को हर साल दिसंबर तक आईटीआर दाखिल करना जरूरी होगा। उदाहरण के लिए उन्हें आने वर्ष 2018-19 के लिए आयकर विभाग में 31 दिसंबर 2018 तक विवरण प्रस्तुत करना होगा। बजट सर्जरी 2017: आखिर कितना लगा जेटली का दिमाग और कितनी मोदी की डेरिंग! अगले साल से समय पर IT रिटर्न नहीं भरने पर लगेगा तगड़ा जुर्माना