कोरोना के कहर के बीच केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आइएफएससी) अथॉरिटी गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने का निर्णय महाराष्ट्र के गैरभाजपा नेताओं को रास नहीं आ रहा है. राज्य में इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने भाजपा एवं केंद्र से नाराजगी जताई है. अमेरिका में तेज़ हुई कोरोना की मार तो गंभीर होने लगे हालात इसके अलावा राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक वेबसंवाद में केंद्र सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनके अनुसार केंद्र का यह निर्णय देश की आर्थिक राजधानी के रूप में स्थापित मुंबई की छवि को तोड़नेवाला है. पवार ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करूंगा कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें. पवार चाहते हैं कि महाराष्ट्र में सभी दलों को मिलकर केंद्र के इस निर्णय का विरोध करना चाहिए. कोरोना ने ढाया कहर तो इन शहरों में बढ़ने लगे मौत और संक्रमण के मामले आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल को जारी अपनी अधिसूचना में साफ कर दिया है कि आईएफएससी अथॉरिटी का मुख्यालय गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ही बनेगा. गांधीनगर में ही प्रधानमंत्री की ड्रीम परियोजना गुजरात इंटरनेशनल फाइनांस-टेक सिटी (गिफ्ट) भी आकार ले रही है. आईएफएससी के मुख्यालय को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र में लंबे समय से खींचतान चल रही थी. कोरोना : पूजा-नमाज को लेकर सीएम योगी ने बोली चौकाने वाली बात ईरान में कम हुआ संक्रमितों का आंकड़ा स्पेन में जारी है कोरोना और मौत का खेल, 24 घंटों में 200 से अधिक मामले