दिल्ली में आज फिर से बढ़ सकती है प्रदूषण की मार

नई दिल्ली: राजधानी वासियों को फिलहाल प्रदूषित हवा से राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं से सोमवार से हवा की सेहत और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में शनिवार के मुकाबले 33 अंकों का सुधार देखने को मिला है, बावजूद इसके हवा खराब श्रेणी में दर्ज कर सकते है। जिसका मुख्य कारण पराली जलने की अधिक घटनाएं कह रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, रविवार शाम चार बजे तक QI 254 रहा, जबकि शनिवार को यह 287 था। पंजाब और हरियाणा में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पराली जलने की अधिक घटनाएं सामने  आती जा रही है।  जिसका अहम कारण  फसलों की कटाई वक़्त से पहले होना और कोविड की वजह से मजदूरों की कमी को बताया जा रहा है। मौसम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, रविवार को दिन में उत्तर-पश्चिम की ओर बहने वाली हवा अपने साथ पराली जलने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों ले जा रही है। 

वहीं इस बात का पता चला है कि रात में हवा की धीमी चाल और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषण के कण इकट्ठा हो रहे हैं। यही कारण है कि इन दिनों राजधानी में हवा का स्तर खराब श्रेणी में चल रहा है। पृथ्वी विज्ञान विभाग की वायु मानक संस्था सफर के मुताबिक, शनिवार तक हरियाणा, पंजाब और इसके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलने की 882 घटनाएं दर्ज कर दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार पराली जलने से जमा होने वाले प्रधानमंत्री 2.5 की मात्रा भी शनिवार को 19 प्रतिशत दर्ज की गई थी। विभाग  के वार्निंग सिस्टम के मुताबिक, रविवार को राजधानी में प्रदूषण की मिक्सिंग गहराई और औसतन हवा की गति 12,500 घन मीटर प्रति सेकंड रही, जिससे प्रदूषक तत्वों को जमा होने में सहायता मिली है।  इस वर्ष पराली के कम जलाए जाने का अनुमान था, लेकिन अधिक केस सामने आ रहे हैं। बिना बासमती वाली फसल कृषकों के किसी के उपयोग में नहीं आती है। क्योंकि, इसकी पराली में अधिक मात्रा में सिलिका पाया जाता है। इस कारण से किसान जला देते हैं।

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