नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण अब भी कहर बरपा रहा है। प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र और प्रांतीय सरकारें तरह-तरह के उपाय कर रही हैं। इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नज़र नहीं आ रहा है। धुंध और खराब वायु गुणवत्ता के कारण लोगों की तबीयत खराब हो रही है। कुछ लोगों ने सांस लेने में तकलीफ, कफ और आंखों में जलन की भी शिकायत की है। दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के कारण एयर प्यूरिफायर दुकानों पर एक लोकप्रिय वस्तु बन गया है। दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' रही। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के अनुसार, इन शहरों में प्रदूषण में वृद्धि का प्रमुख कारण पराली जलाने, पटाखों, बिजली संयंत्रों और कारों से निकलने वाला धुआं है। प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ गई है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल बिक्री में दिल्ली-एनसीआर का योगदान 70% है। दूसरी ओर, कंपनियों का दावा है कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है। कंपनियों के मुताबिक, निकट भविष्य में प्यूरीफायर की मांग बढ़ने की उम्मीद है। रिसर्च एंड मार्केट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में भारत का एयर प्यूरीफायर बाजार 85 मिलियन डॉलर का होगा। 2027 तक इसके बढ़कर 569 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है। कंपनी के मुताबिक, छुट्टियों के मौसम में एयर प्यूरीफायर पैनासोनिक की सबसे ज्यादा बिकने वाली वस्तुओं में से एक था। भारत में एयर प्यूरीफायर का सालाना बाजार 450 से 500 करोड़ रुपये के बीच है। दिवाली के मौसम में 70% से 80% एयर प्यूरीफायर बेचे गए। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में देश में सभी प्यूरीफायर की बिक्री का 70-80% हिस्सा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 14 ठिकानों NIA की रेड, माओवादियों से जुड़ा मामला अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने समुद्री मलबे को कम करने का आग्रह किया नए रिकॉर्ड की तरफ बढ़ रहा सोने-चांदी! कीमतों में आया भारी उछाल, जानिए आज का भाव