कानपुर. हाल ही मे दिल्ली की हवा मे ज़हर घुला पाया गया था. अब उसी के नक्शेकदम पर चलते हुए कानपुर की हवा दिनों-दिन ज़हरीली होती जा रही है. यही नहीं, धुएँ का दानव इतना खतरनाक होता जा रहा है की अब इसने लोगों को मौत की गिरफ्त मे लेना शुरू कर दिया है. समूचे उत्तर भारत पर मौत के बादल मंडरा रहे हैं. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एअर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई के मुताबिक कानपुर उत्तर प्रदेश का चौथा सबसे अधिक प्रदूषित शहर बन गया है. आईआईटी, कानपुर के पर्यावरण विभाग ने बताया कि उत्तर भारत के उपर नैनो कार्बन की परत बन गई है. यहां कूड़े के पहाड़ खड़े हुए हैं जिनमें आग लगती रहती है और इसका ज़हर हवा में घुलता रहता है. इस ज़हरीली हवा से सबसे ज़्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. एक ओर कानपुर नगर निगम ने कूड़ा जलाने पर रोक लगायी हुई है लेकिन दूसरी ओर खुद नगर निगम द्वारा पीपीपी मॉडल के तहत चलाये जा रहे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में खुलेआम कूड़ा जलता रहता है. इस वजह से प्लांट के आसपास के गांवों में श्वास रोग होने से एक दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी हैं. “हिन्दू लड़किया जो कपड़े पहनती हैं, वो शर्मनाक है”- प्रिंसिपल पद्मावती के विरोध पर शत्रुघ्न का सम्मान नगर निगम प्राइवेट कंपनी से करवाएगी टैक्स वसूली