वैसे तो भगवान की भक्ति करने पर हमे कई संकटों से मुक्ति मिलती है लेकिन आज हम आपको भगवान् शिव के रुद्राभिषेक के लाभ बताने जा रहे हैं. • जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। • लक्ष्मी प्राप्ति के लिये गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। • धन-वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। • सहस्रनाम-मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है। • शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जडबुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है। • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें। • गो दुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। श्री विक्रांत महाभैरव मंदिर भगवान महावीर की आरती बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध