रोहिंग्या मुस्लिम के खिलाफ बर्बर सैन्य कार्रवाई के मद्दे नज़र पोप फ्रांसिस ने सोमवार को बौद्ध बहुल देश म्यांमार के सेना प्रमुख मिन आंग हलिंग से मुलाकात की. वैश्विक आलोचना झेल रहे म्यांमार के लिए पोप फ्रांसिस का यह दौरा संवेदनशील माना जा रहा है. इस बारे में वैटिकन प्रवक्ता ग्रेग बर्के के अनुसार पोप और सेना प्रमुख की यह मुलाकात यंगून मे आर्कबिशप के निवास पर 15 मिनट चली और इसमें उन्होंने इस संक्रमण काल में देश के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी पर चर्चा की गई. इसके पूर्व यंगून हवाई अड्डे पर पोप का स्वागत किया गया. पोप के इस चार दिवसीय दौरे से म्यांमार पर निश्चित ही दबाव बढ़ गया है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार की सेना पर रोहिंग्या मुस्लिमों के जातीय सफाए का गंभीर आरोप लगाया है. बता दें कि अगस्त से अब तक म्यांमार के उत्तरी रखाइन राज्य से 6 लाख 20 हज़ार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम पड़ोसी बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं. स्मरण रहे कि भारत में भी करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम हैं, जिन्हें केंद्र सरकार देश से बाहर निकालना चाहती है, क्योंकि आतंकी संगठनों से इनके संपर्कों के चलते इन्हें देश के लिए खतरा माना जा रहा है. यह भी देखें रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी के लिए हुआ समझौता म्यांमार में रखाइन के मेजर जनरल हटाए गए