हाथरस केस: PFI और भीम आर्मी का कनेक्शन ! यूपी में जातीय दंगे फैलाने की साजिश

लखनऊ: हाथरस मामले के बाद जातीय उन्माद फैलाने के षड्यंत्र का खुलासा हुआ है, जिसके पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का नाम  आया है. इसी दौरान पुलिस ने PFI के मुखपत्र के संपादक को अरेस्ट कर लिया है, जो केरल में है. वह शाहीन बाग के PFI दफ्तर का सचिव भी था. पुलिस को इस मामले में भीम आर्मी के PFI के साथ जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं.

पुलिस का कहना है कि अरेस्ट किए गए पत्रकार के एक बैंक खाते से बड़ा बैंक ट्रांजेक्शन हुआ है. उसके बाकी बैंक एकाउंट्स की तलाश भी की जा रही है. वहीं, पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में लगी हुई है, ताकि उससे पूछताछ की जा सके. पुलिस की मानें तो एक सियासी दल से जुड़े पश्चिमी यूपी के एक कुख्यात खनन माफिया ने भी इस मामले में फंडिग की है. वो खनन माफिया योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद बहुत परेशान है. उसका नाम चीनी मिल घोटाले में भी शामिल है.

आपको बता दें कि हाथरस मामले के नाम पर यूपी में उन्माद फैलाने के लिए जातीय संघर्ष कराने की साजिश का खुलासा जाँच में हुआ था. किन्तु सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण वो साजिश टल गई.  हाथरस कांड के बाद हाथरस को जलाने का एक बड़ा षड्यंत्र रचा गया था. विदेशी पैसे से हाथरस की बोली लग चुकी थी. सरकारी सूत्रों द्वारा ये जानकारी दी गई है कि PFI को इस मामले में 50 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है और ये पैसा मॉरीशस के जरिए उन तक पहुंचा है और इतना ही नहीं हाथरस के बहाने 100 करोड़ की फंडिंग हो चुकी है. 

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