3 देशों के प्रताड़ित 'अल्पसंख्यकों' को देंगे भारतीय नागरिकता, सरकार के आदेश के खिलाफ SC पहुंचा PFI

नई दिल्‍ली: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के बाद अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार द्वारा तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के फैसले को चुनौती दी है. याचिका में केंद्र द्वारा जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता के लिए आवेदन देने की अनुमति दी गई है. PFI ने सर्वोच्च न्यायालय से इस अधिसूचना पर रोक लगाने की गुहार लगाई है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए और गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों जैसे गैर-मुस्लिम लोगों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 में कानून के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए इस आशय की एक नोटिफिकेशन जारी की है. हालांकि, सरकार ने 2019 में लागू नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है.

वर्ष 2019 में जब CAA लागू हुआ तो देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए और इन्हीं विरोध प्रदर्शनों के बीच 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे भड़के थे. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के अनुसार, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए ऐसे अल्पसंख्यकों गैर-मुस्लमों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.  

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