कानपुर : पूर्वा एक्सप्रेस के 12 कोच पटरी से उतरने के बाद इलाहाबाद मंडल के डीआरएम अमिताभ कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीआरएम ने बताया कि नई तकनीक की बोगियों के उपयोग की वजह से हादसे में नुकसान बहुत कम हुआ है और बड़ा हादसा होने से बचा है। जोधपुर हाई कोर्ट में लगी आग, दमकलकर्मियों के पसीने छूटे इस कारण होने से बचा बड़ा हादसा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डीआरएम ने कहा कि ये नई टेक्नॉलाजी की बोगी हैं। टाईट लॉक कप्लर वाली हैं। यदि कोई दुर्घटना जैसी स्थिति होती है तो उसमें बोगी एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ती हैं। पहले की घटनाओं में देखा गया है कि कोचों के एक-दूसरे पर चढ़ने की वजह से यात्रियों को ज्यादा चोटें आती हैं। उन्होंने बताया कि इसमें 11 डिब्बे पूरी तरह से पटरी से उतरे हैं, जिसमें 5 डिब्बे ऐसे हैं जो टेढ़े हो गए हैं या पलट गए हैं। मौजूदा स्थिति यह है कि यहां से सभी यात्री जा चुके हैं। जो यात्री डिरेल कोचों में थे, उन्हें बसों से कानपुर सेंट्रल स्टेशन भिजवा दिया गया था। वे यात्री विशेष रेल गाड़ी से जा चुके हैं। कानपुर में हमने यात्रियों के लिए पूरी व्यवस्था की थी, जिससे उन्हें किसी प्रकार की समस्या न हो। चेंकिंग के दौरान पाकुड़ में पकड़ा गया भारी मात्रा में विस्फोटक काम में लग सकता है वक्त जानकारी के मुताबिक डीआरएम ने बताया कि हादसा किस वजह से हुआ, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। जो साक्ष्य हैं उन्हें इकठ्ठा किया जा रहा है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि घटना किस वजह से हुई है। डीआरएम ने बताया कि हादसे के बाद डाउन लाइन रिस्टोर हो गई है। अप लाइन को रिस्टोर करना थोड़ा मुश्किल काम है। अपलाइन को रिस्टोर करने में हम लोग दो क्रेनों का इस्तेमाल करेंगे। ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि एक ट्रेन अपलाइन पर आएगी और एक ट्रेन डाउन लाइन पर आएगी। लेकिन, इस काम को करने काफी वक्त लगेगा। मथुरा की आइसक्रीम फैक्टरी में हुआ अमोनिया गैस का रिसाव, कई घायल आसुस जेनफोन मैक्स एम1 की कीमत में आई कमी, जानिए डिस्काउंट जम्मू कश्मीर: सोपोर मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, तलाशी अभियान जारी