सब आँखों का फेर है वरना 2017 में बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है

दुनिया में आजकल केवल बुरी घटनाए ही होती है अच्छा कुछ नहीं होता !! अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो ये आपके व्यू पर निर्भर करता है क्यूंकि आप जैसा देखना चाहेंगे आपको वैसा ही नजर आएगा। जी दरअसल हमारे कहने का मतलब ये है कि आज के समय में इंसान केवल बुरा ही देखना चाहता है। हर दिन अखबार आता है और उसमे रेप, चोरी, डकैती, लूट, गैंग रेप, बलात्कार, की खबरे आती है और लोग इसे इंट्रेस्ट के साथ पढ़ते भी है और जिस दिन ये खबर नहीं आती लोग सवाल करते है कि आज ऐसी कोई खबर क्यों नहीं आई, पेपर वालो को कुछ मिला नहीं, पेपर ही बेकार है, कल से दूसरा पेपर लेंगे।

अब आप ही बताइए जब आप बुराई देखना चाहते है तो मीडिया वाले भी बुराई ही दिखाएँगे ना क्योंकि सवाल पापी पेट का है। ऐसे में इस साल की बात की जाए तो लोग इस साल के अंत में भी बुराई ही पढ़ना चाहते है कि इस साल कितने रेप हुए, कितने बलात्कार हुए, कितनी चोरिया हुई और क्या-क्या हुआ। लोग ये नहीं पढ़ना चाहते है कि क्या अच्छा हुआ, लेकिन अभी हाल ही में ट्विटर यूज़र Jacob Atkins ने सकारात्मक ख़बरों की एक लिस्ट तैयार की है जो आज हम आपके लिए लेकर आए है आइए दिखाते है।

बाल मज़दूरी दर सन् 2000 से आधी हो गई है। अब Amazon के नए Headquarter में 200 बेघरों के रहने की जगह भी होगी। Snow Leopard अब Endangered जानवरों की सूची से बाहर हो गया। HIV/AIDS अफ़्रीका के बाशिंदों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण नहीं है। Honey Bee की जनसंख्या 27% बढ़ी है, शोधकर्मियों ने एक ऐसा कीटनाशक भी बनाया है जिससे Honey Bee की मृत्यु नहीं होती। अर्जेंटिना में एक ऐसी जूतों की फ़ैकट्री है, जो Recycled टायर्स से जूते बनाती है। इस फ़ैक्ट्री में सिर्फ़ गांव की औरतें ही काम करती हैं। Conservationists, आने वाले 6 सालों में Amazon वर्षावन में 73 मिलियन पेड़ लगाने के लिए राज़ी हो चुके हैं। न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री ने अगले साल 100 मिलियन पेड़े लगाने का निश्चय किया है। Great Barrier Reef की Rebreeding का तरीका आखिरकार वैज्ञानिकों ने ढूंढ ही निकाला है।

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