इंदौर: इंदौर भले ही साफ़-सफाई के मामले में नंबर वन हो लेकिन कई ऐसे मामले है जिनके चलते वह शर्मिंदा होता है। अब हाल ही में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। जी दरअसल हाल ही में यहाँ पोस्टमॉर्टम को लेकर पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। मिली जानकारी के तहत सड़क हादसे में बीते रविवार दोपहर में मृत बाइक सवार का शव जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन यहाँ पुलिस काफी देर से पहुंची। यह देखकर डॉक्टर भड़क गए। वह करीब चार बजे अपनी ड्यूटी खत्म होने का हवाला देकर जाने लगे और इस दौरान युवक के ताऊ, डॉक्टर के पैरों में गिरकर पोस्टमॉर्टम के लिए गुहार लगाने लगे। उन्होंने डॉक्टरों से कहा- 'सर बेटा मर गया है, सर मेरी बात को समझो।' यह सब सुनने के बाद भी डॉक्टर नहीं माने। वहीँ इसके बाद परिवार ने जिला प्रशासन से शिकायत की, और तब कही जाकर रात आठ बजे पोस्टमॉर्टम कर शव परिवार के हवाले किया गया। यह कोई ऐसा पहला मामला नहीं है बल्कि यह तो एक सप्ताह में दूसरी घटना है। इससे पहले भी पोस्टमॉर्टम के लिए परिवार को गिड़गिड़ाना पड़ा था। जी हाँ, इससे पहले राजस्थान के परिवार को पोस्टमॉर्टम के लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करनी पड़ी थी। क्या है मामला- राऊ इलाके की ट्रेजर फैंटेसी में रहने वाले 18 साल के सार्थक पुत्र समीर ठाकुर का कैट रोड पर रविवार दोपहर डेढ़ बजे डंपर की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद उसका शव जिला अस्पताल लाया गया। यहां दोपहर चार बजे तक राऊ थाने की पुलिस नहीं पहुंची और जब पुलिस पहुंची तो सीनियर डॉक्टर भरत बाजपेयी ड्यूटी खत्म होने का हवाला देने लगे। यह सब होने के बाद सार्थक के परिवारवाले डॉक्टर से पोस्टमॉर्टम को लेकर विनती करने लगे लेकिन वह नहीं माने। अंत में सीनियर अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लिया और एसडीएम से परमिशन ली। वहीँ प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद डॉ। भरत बाजपेयी दोबारा अस्पताल आए और शव का पोस्टमॉर्टम किया। गौतम गंभीर पर लट्टू हुई यह अदाकारा, कहा- 'मैंने अपना सुधबुध गंवा दिया' महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने अवनी लेखरा दिया ये खास तोहफा 'शिल्पा दीदी अपनी गलतियों को स्वीकार करो', वीडियो शेयर कर बोलीं शर्लिन चोपड़ा