नई दिल्ली : गैर-कर्जदार किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार ने जुलाई से शुरू हो रहे 2017-18 के फसल वर्ष में 1.75 लाख साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) एवं डाकघरों का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि कर्ज लेने वाले किसानों के लिए तो फसल बीमा लेना अनिवार्य है. लेकिन सरकार चाहती है कि कर्ज लेने और नहीं लेने वाले दोनों तरह के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार फसल बीमा पॉलिसी लेने वाले गैर कर्जदार किसान फिलहाल 22 फीसदी हैं. हम उन तक पहुंचने के लिए विभिन्न मंचों का इस्तेमाल करेंगे. बता दें कि अंतिम छोर के गैर कर्जदार किसानों को फसल बीमा से जोड़ने के लिए बैंक, बीमा कंपनियां और सहकारी बैंक पर्याप्त नहीं है. वहीं बैंक, गैर कर्जदार किसानों को फसल बीमा पॉलिसी बेचने में ज्यादा इच्छुक नहीं हैं, जबकि बीमा कंपनियां एवं सहकारी समितियों की गांवों में पहुंच कम है.इसलिए सरकार ने 1.75 लाख सीएससी और डाकघरों का उपयोग करने का निर्णय लिया है.बीमा नियामक इरडा पहले ही एजेंटों एवं बिचौलियों को फसल बीमा के लिए सीएससी पोर्टल तक पहुंच की इजाजत दे चुका है. जिसका परीक्षण चल रहा है. यह भी देखें किसानों के लिए इफ्को लाया को-ब्रांडेड कार्ड पंजाब के किसानों की मांग, कर्ज माफी पर जल्द फैसला ले सरकार