लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राजधानी लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, मुरादाबाद और गोरखपुर की बिजली व्यवस्था का निजीकरण करने की कवायद में जुट गई है. आगरा की तर्ज पर इन शहरों की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से फ्रैंचाइज़ी को सौंपने के प्रस्ताव पर शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. फैसले के बाद पॉवर कारपोरेशन फ्रैंचाइज़ी के चयन की प्रक्रिया शुरू करेगा. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद इन शहरों में बिजली कनेक्शन देने से लेकर राजस्व वसूली तक का सारा काम बतौर फ्रैंचाइज़ी निजी कंपनी करेगी. कैबिनेट फैसले के अनुसार बिजली सेक्टर को वित्तीय रूप से स्वावलंबी बनाने, लाइन हानियों में कमी लाने, आपूर्ति और उपभोक्ता को मिलने वाली सुविधाओं के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. सरकार का कहना है कि आगरा में फ्रैंचाइज़ी ने करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वहां लाइन हानियों में तेजी से कमी आई है. इतना ही नहीं उपभोक्ता की संतुष्टि का मानक भी तेजी से बढ़ा है. जिन शहरों में फ्रैंचाइज़ी व्यवस्था लागू होगी वहां के अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रैंचाइज़ी की सहमति से प्रतिनियुक्ति पर काम करने का विकल्प मौजूद होगा. प्रतिनियुक्ति का विकल्प चुनने वालों के वेतन-भत्ते किसी भी दशा में कम नहीं किए जा सकेंगे. जो फ्रैंचाइज़ी के साथ काम नहीं करना चाहते उन्हें मौजूदा सेवा शर्त पर प्रदेश के अन्य विद्युत् खण्डों में तैनात किया जाएगा. प्रदेश में इंदौर सबसे ज्यादा बिजली खपत करने वाला शहर अब सरकारी विभागों में इस्तेमाल किए जाएंगे ई-वाहन