बिहार में विद्युत परेशानी गहराती जा रही है. वही, कहलगांव एनटीपीसी की 4 यूनिट से विद्युत का उत्पादन ठप हो गया है. माना जा रहा है कि इस कारण से 2340 मेगावाट के जगह पर महज 600 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है. किन्तु, एनटीपीसी प्रबंधन टूटे तटबंध और तकनीकी खराबी को लेकर उसे दुरुस्त करने में लगे हैं. इस हालात पर शीघ्र कंट्रोल नहीं किया गया तो आशंका है कि सूबे में बिजली संकट के हालात पैदा हो जाएंगे. दरअसल, एनटीपीसी (NTPC) के ऐश डाइक एरिया में बने कमजोर तटबंध की वजह से गुरुवार दोपहर बाद को लैगून नंबर दो में पानी का भारी दबाव आ गया था, जिसके कारण बड़े भू-भाग में धसान हो गया. इसकी कारण से सेनोस्फियर, सीमेंट सहित कई मशीनें उसके आगोश में आ गयीं. फलस्वरूप एनटीपीसी की चार यूनिट में विद्युत का उत्पादन ठप हो गया. केरल में कोरोना का आतंक जारी, एक हजार से ज्यादा केस आए सामने बता दे कि एनटीपीसी प्रबंधन की तरफ से मीडिया रिलीज में प्रिवेंटिव मेजर के रूप में चार यूनिट को बंद किए जाने की चर्चा की गई है. ऐश डाइक लैगून नंबर दो को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किये जाने की बात प्रबंधन की ओर से कही गयी. केस की पड़ताल के लिए एनटीपीसी प्रबंधन की तरफ से एक तकनीकी समिति का भी गठन किया गया है. कांग्रेस-चीन के समझौते पर बोली सुप्रीम कोर्ट, कहा- ये कैसे हो सकता है ? इसके अलावा तटबंध टूटने की वजह ऐश डाइक माध्यम में जमा ऐश वाटर आसपास के खेतिहर जमीन में फैल गया है, जिससे खेत मे रख और गंदा जल का जमाव हो गया है. गंदे जलजमाव से खेती को क्षति होने की बात कही जा रही है. हालांकि, एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से ध्वस्त हुए तटबंध को दुरुस्त करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, और प्रबंधन शीघ्र दुरुस्त कर लेने का दावा करते हुए शीघ्र बंद चार यूनिट से विद्युत उत्पादन प्रारंभ करने की बात कह रही है. कोरोना की वैक्सीन बना रही अरबिंदो फार्मा, वित्त पोषण को मिली मंजूरी कर्नाटक: भारी बरसात के वजह से भूस्खलन में दबा पुजारी का निवास, पांच लोग है लापता विश्व आदिवासी दिवस : 9 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस ?