ओबीसीआरक्षण वृद्धि का बिल विधानसभा में इसी सत्र में आना प्रस्तावित है. इस बिल के पास होने से राज्य सरकार को यह पॉवर मिल जाएगी कि बढ़ा हुआ ओबीसी आरक्षण किसको, कितना प्रतिशत बांटना है. ओबीसी आरक्षण फिलहाल 21 प्रतिशत है. बिल के आने के बाद इसमे कितनी वृद्धि होगी,फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है. इस बिल में सिर्फ यह उल्लेख रहेगा कि ओबीसी कमीशन की सिफारिशों के आधार पर ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की जरूरत पड़ी है. ऐसे में खत्म हो चुकी ओबीसी की पांच जातियों को मोर बैकवर्ड दर्शाते हुए घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू के रूप में आरक्षण दिया जाना बनता है. इस बिल के माध्यम से राज्य सरकार गुर्जर सहित पांच जातियों को चौथी बार आरक्षण देगी. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह का कहना है कि नोटिफिकेशन से आरक्षण को आसानी से कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है. हमारे समझौते में तय हुआ था कि आरक्षण 21 से बढ़कर 26 प्रतिशत तक होगा. इसमें दो कैटेगरी बनेंगी. यह सब बातें विधेयक में लिखी जाएंगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. ऐसे में आरक्षण दोबारा कोर्ट में चैलेंज हुआ तो इसके लिए राज्य सरकार ज़िम्मेदार रहेगी. बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष बनीं दिलमणि मिश्रा डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ता बैंकों का रुझान जाति सुनकर नहीं देने दी परीक्षा, पीएम को लिखी चिट्ठी