मंत्रों से देवी देवताओं की पूजा इसलिए की जाती है ताकि वे प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी कर सके। ज्योतिष शास्त्र में यह उल्लेख है कि मंत्र के माध्यम से ही देवी देवताओं को साधा जा सकता है तो वहीं मंत्रों में ही इतनी शक्ति है कि भूत या पिशाच तक भी काबू में हो जाए। मंत्र का अर्थ है मन को एक तंत्र में लाना। मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है। ‘मंत्र साधना’ भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। तीन प्रकार होते है - वैदिक मंत्र, 2. तांत्रिक मंत्र और 3. शाबर मंत्र। जप के भेद- 1. वाचिक जप, 2. मानस जप और 3. उपाशु जप। मंत्र-साधना में विशेष ध्यान देने वाली बात है- मंत्र का सही उच्चारण। दूसरी बात जिस मंत्र का जप अथवा अनुष्ठान करना है, उसका अर्घ्य पहले से लेना चाहिए। मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है। मछली और फव्वारा करें आपकी मदद क्या आप पैसों की तंगी से जूझ रहे है....