नई दिल्लीः दिल्ली का स्थान विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में आता है। दिवाली के वक्त शहर का प्रदूषण अधिक बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान पटाखे नहीं फोड़न की अपील की जाती है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के रोकथाम के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। पीएम मोदी ने साल 2015 में जो एयर क्वालिटी इंडेक्स सिस्टम लागू किया था अब उसका परिणाम दिखने लगा है। दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषण वाहनों, पॉवर प्लांट और हैवी वीइकल के चलने से निकलने वाले जहरीले धुएं से हो रहा था। अब इन सभी पर प्रतिबंध लग गया है। दिल्ली और एनसीआर की एयर क्वालिटी में भी दिनोंदिन सुधार हो रहा है। ये जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को पर्यावरण से संबंधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीं। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार की ओर से इस दिशा में किए गए तमाम कामों के बारे में विस्तार से बताया। जावड़ेकर ने कहा कि दीवाली आ रही है इस मौके पर बच्चे पटाखें न बजाएं। अब ऐसा होना चाहिए कि बच्चे ही अपने अभिभावकों से कहें कि पटाखे जलाकर पलूशन न फैलाएं। पटाखों से होने वाले पलूशन को रोकने के लिए ग्रीन पटाखे लेकर आया गया है। पटाखे बनाने वाले ऐसे 200 उद्योगों के साथ मीटिंग की गई है। वो भी ग्रीन पटाखों का ही निर्माण करें। ऐसे 145 नियम बनाए गए हैं। अवेयरनेस किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस बार सीपीसीबी की टीम के 46 विशेष दल बनाए गए हैं। ये निगरानी करेंगे कि दीवाली के दौरान किसी तरह से पलूशन न होने पाएं। अगर किसी राज्य में पलूशन होता पाया गया तो ये टीम एक्शन लेगी। हिमाचल प्रदेश: बर्फबारी में फंसे हुए थे 1200 से अधिक लोग, पुलिस ने किया रेस्क्यू भाजपा नेता उमा भारती के भतीजे राहुल की कार से हुए भीषण सड़क हादसा, तीन लोगों की मौत जेएनयू प्रबंधन ने अपनाए सख्त तेवर, जारी किया यह फरमान