नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि सरकार बनाने के लिए गठजोड़ करना सही नहीं है. क्योंकि इससे कांग्रेस पार्टी की पहचान खो जाने का खतरा है। मुखर्जी ने ये बात शुक्रवार को रिलीज हुई अपनी किताब ‘द कोएलिशन ईयर्स: 1996 to 2012’ में लिखी है. मुखर्जी ने अपनी किताब में कहा है कि उन्होंने 2004 के आम चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए 2003 में गठबंधन बनाने के कांग्रेस के फैसले का समर्थन नहीं किया था. राजनितिक जिंदगी पर प्रणब की यह तीसरी किताब है. इसके पहले वो ‘द इंदिरा ईयर्स’ और ‘द टर्बुलेंट ईयर्स’ लिख चुके हैं. पिछले शुक्रवार को किताब की रिलीज के मौके पर सोनिया-राहुल और मनमोहन सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि उनका विचार आज भी नहीं बदला है. राष्ट्रपति बनने से पहले कांग्रेस में लंबी पारी निभाने वाले मुखर्जी ने 'एकला चलो की रणनीति' की हिमायत करते हुए कहा कि कांग्रेस एकमात्र इसी तरीके से अपनी पहचान कायम रख सकती है. मुखर्जी ने कहा है, कांग्रेस के शिमला काॅन्क्लेव (2003) में सभी प्रतिनिधियों की राय मांगी गई और सुनी गई. सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह सहित उनमें से ज्यादातर इस बात पर सहमत दिखे कि पंचमढ़ी रणनीति को बदलना होगा. तब मैं अकेला शख्स था जो इसके खिलाफ था. मुझे लगता था कि इससे पार्टी की पहचान को ही खतरा हो जाएगा. मुखर्जी ने बताया कि हमने ये तय किया था कि जब तक बहुत जरूरी ना हो जाए, तब तक गठबंधन नहीं करेंगे. बता दें कि हाल के दिनों में कांग्रेस ने कई पार्टियों से अलायंस किया है. यूपी असेंबली इलेक्शन में वो समाजवादी पार्टी के साथ जबकि बिहार असेंबली इलेक्शन में वो लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के साथ मैदान में उतरी थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- अगली दिवाली से पहले बनेगा राम मंदिर ओवैसी का सोम पर पलटवार, कहा- क्या लालकिले से तिरंगा नहीं फहराएंगे PM सीएम योगी का चार दिवसीय गोरखपुर दौरा शुरू