मुंबई : शिवसेना ने शनिवार को यह कहकर सनसनी फैला दी कि यदि बीजेपी 2019 के आम चुनावों में बहुमत हासिल नहीं कर पाई तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी प्रधान मंत्री पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार हो सकते हैं. शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में आरएसएस पर भी निशाना साधा. बता दें कि शिव सेना ने कहा है कि भाजपा के वैचारिक सलाहकार संगठन आरएसएस ने कभी भी शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे को अपने मंच पर आमंत्रित नहीं किया और अब इफ्तार पार्टी करके मुसलमानों को खुश करने का प्रयास कर रही है.सामना के संपादकीय में यह टिप्पणियां गुरुवार को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाग लेने के बाद आई है. उल्लेखनीय है कि संघ मुख्यालय में मुखर्जी की यात्रा पर कांग्रेस ने भी खूब टिप्पणियां की थी . यहां तक की मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके इस फैसले की आलोचना की थी.इस मामले में कांग्रेस को भी लताड़ लगाते हुए शिव सेना ने कहा कि मुखर्जी की यात्रा को रोकने की कोशिश में कांग्रेस ने खुद का मजाक बना लिया.यह एक बिना आवाज वाले पटाखे की तरह था. शिव सेना ने आरएसएस की सोच पर भी सवाल उठाए कि उन्होंने मुखर्जी को क्यों आमंत्रित किया.आरएसएस का थिंक टैंक भविष्य की राजनीति करता है इसकी रणनीति के नतीजों का खुलासा 2019 के लोकसभा चुनावों के समय ही हो पाएगा. यह भी देखें भागवत और प्रणब की दोस्ती पर आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी प्रणब दा की फर्जी तस्वीर पर RSS का बड़ा बयान