देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज दो दिन के दौरे पर नागपुर रवाना होंगे, इन दो दिनों में प्रणब मुखर्जी सिर्फ आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. बता दें प्रणब मुखर्जी के दौरे में आरएसएस के इनविटेशन के बाद ही राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई थी, जिसके बाद देश में सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक ये मुद्दा बहस का मुद्दा बना रहा. बता दें, प्रणब मुखर्जी का यह दौरा दो दिन का होने वाला है जिसमें वो आरएसएस के एक कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को सम्बोधित करेंगे. प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में जाने को लेकर विपक्ष खासा नाराज नजर आ रहा है वहीं सत्ता पक्ष वाली पार्टियां इसे आरएसएस का अच्छा फैसला बता रही है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 7 जून को नागपुर में होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को न्योता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. संघ के कार्यक्रम के लिए मुखर्जी को बुलावा भेजे जाने के बाद से इस पर सियासत भी शुरू हो गई. दरअसल प्रणव मुखर्जी को संघ का न्योता सियासी पंडितों के लिए इस लिहाज से हैरान करने वाला है कि अपने 5 दशक से ज्यादा लंबे सियासी करियर में मुखर्जी ने हमेशा संघ की मुखालफत की है. रोचक बात यह है कि प्रणव मुखर्जी ही वह शख्स हैं, जिन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के प्लेनरी सेशंस के उन सभी प्रस्तावों को तैयार किया है जिनमें संघ को आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने और सांप्रदायिकता के लिए दोषी ठहराया गया है. उन्नाव गैंगरेप: एक और अपराधी सीबीआई की हिरासत में राहुल गाँधी आज मंदसौर में