Google ने आज अपने Doodle पर भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हरगोविंद को श्रद्धांजलि दी है. हर गोविंद खुराना 1966 में भारत को छोड़कर इंग्लैंड चले गए थे और फिर 1968 में वे अमेरिकी नागरिक बन गए थे. आज Pravasi Bharatiya Divas भी है और भारत में इसको लेकर कई आयोजन भी हो रहे हैं. जिस तरह हरगोविंद खुराना भारत से विदेश में जाकर बस गए और नोबेल पुरस्कार जीतकर दुनिया भर में नाम कमाया, बॉलीवुड ने भी NRI टॉपिक को अपनी फिल्मों में प्रमुखता के साथ उठाया है. कभी NRI इश्क को दिखाया तो कभी किसी भारतीय को विदेश में गलत लोगों के चंगुल में फंसता दिखाया. इस तरह बॉलीवुड में एनआरआई हमेशा छाए रहे. पूरब और पश्चिम (1970) मनोज कुमार ने साढ़े चार दशक पहले ही भारतीय और पाश्चातय के कॉन्सेप्ट को जनता के सामने पेश कर दिया था. फिल्म में प्रवासी भारतीयों के विदेशी रंग में रंगने की दास्तान दिखाई गई और ‘मैं भारत का रहने वाला हूं...भारत की बात सुनाता हूं’ सॉन्ग स्मृतियों में रच बस गया. फिल्म में सायरा बानो, अशोक कुमार, प्राण और विनोद खन्ना नजर आए. दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे (1995) इस फिल्म में पूरब और पश्चिम की महक घुली है. एक पिता है जो रहता तो इंग्लैंड में है लेकिन उसकी सोच पूरी तरह से हिंदुस्तानी है. वह अपने भारत प्रेम को नहीं भूल पाता है. इसी बीच एक प्रेम कहानी पनपती है जिसमें संस्कारी और असंस्कारी होना अहम रहता है. शाहरुख खान और काजोल का ये प्रेम अमर हो गया, और फिल्म अब तक की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हो गई. बॉलीवुड और हॉलीवुड से जुडी चटपटी और मज़ेदार खबरे, फ़िल्मी स्टार की जिन्दगी से जुडी बातें, आपकी पसंदीदा सेलेब्रिटी की फ़ोटो, विडियो और खबरे पढ़े न्यूज़ ट्रैक पर करीना की इन खूबियों पर कायल है सैफ अली खान एक्ट्रेस के बोल्ड लुक ने ठण्ड में लगाई आग हायक के आरोप पर हार्वे विंस्टीन का करारा जवाब