महादेव रात के देवता के रूप में भी जाने जाते है.रात का समय अँधेरे का होता है जब जगत पर बुरी शक्तियों या भावनाओं के हावी होने समय रहता है.इन बुरी ताकतों पर शिव का नियंत्रण माना गया है. भूत-पिशाच से बचने या दूर करने के लिए शिव भक्ति के रूप में अच्छाइयों के रक्षा कवच को पहनकर जीवन को सुखी और सफल बनाया जा सकता है. इसके लिए शास्त्रों में शाम के वक्त शिव का ध्यान अनिष्ट से बचाने वाला माना गया है. जानिए यह शिव मंत्र और पूजा की आसान विधि - शाम को शिव की पंचोपचार पूजा गंध, अक्षत, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र व धतूरा चढ़ाकर करें. शिव पूजा के बाद यथाशक्ति मौसमी फल जैसे केले या गाय के दूध से बनी मिठाई का भोग समर्पित कर धूप व घी का दीप लगाएं. इसके बाद शिव के नीचे लिखे मंत्र का स्मरण करें - शंकराय नमस्तुभ्यं नमस्ते करवीरक. त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्वरमत: परम्.. नमस्तेस्तु महादेव स्थावणे च तत: परम्. नम: पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नम नमस्ते परमानन्द नम: सोमर्धधारिणे नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गत शिव पूजा, मंत्र स्मरण के बाद आरती करें. आरती के बाद अशुभ व अनिष्ट से रक्षा की प्रार्थना कर प्रसाद ग्रहण करें. शनिदेव को करना है प्रसन्न तो इन तरीको से करे हनुमान जी की पूजा करे शिव की पूजा की शुरुआत इस ध्यान मन्त्र से पश्चिम दिशा की ओर बैठ कर ना करे शिवजी की पूजा