लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) की प्रयागराज और महानगर कमेटी के सामूहिक इस्तीफा देने का मामला आखिरकार सुलझ गया। पार्टी प्रमुख और हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदउद्दीन ओवैसी, प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली और पूर्वांचल अध्यक्ष शेर अली के हस्तक्षेप के बाद पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। इससे पहले सामूहिक इस्तीफा देने के बाद पूरे दिन मान मनौवल का सिलसिला चला। बता दें कि AIMIM के जिलाध्यक्ष शाह आलम फरार चल रहे हैं। ऐसे में सबसे पहले वकील मुजीबुर्रहमान को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने सबसे पहले उन्हें नाराज पदाधिकारियों को मनाने के लिए भेजा। इसी बीच मामला ओवैसी तक पहुंच गया था। प्रदेश प्रवक्ता मो. फरहान ने फोन पर ओवैसी और प्रदेश अध्यक्ष के साथ बातचीत की। इसके बाद वे खफा नेताओं से मिलने पहुंचे। दायराशाह अजमल स्थित दफ्तर में पदाधिकारियों, कार्यकताओं के बीच कई घंटों तक बातचीत चली। अंत में प्रदेश प्रवक्ता ने ऐलान किया कि सभी का इस्तीफा निरस्त किया जाता है। शाह आलम के लिए आवाज न उठाने से नाराजगी: बता दें कि प्रयागराज हिंसा मामले में जिलाध्यक्ष शाह आलम पर मुकदमा दर्ज होने, फरार और इनाम घोषित होने के बाद भी पार्टी की तरफ से कोई आवाज नहीं उठाई गई। इससे नाराज जिला और महानगर कमेटी ने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा कर दी थी, जिसे अब ओवैसी के दखल के बाद सभी नेताओं ने वापस ले लिया है। कांग्रेस नेता ने किया द्रौपदी मुर्मू का अपमान, कहा- उन्हें आदिवासियों का... गुरुपूर्णिमा पर आपस में भिड़े बालासाहेब के शिष्य, ट्वीटर पर निकाली भड़ास आज बिहार आएंगे CM योगी, जानिए क्यों?