जब फ्रेक्चर हो जाता है तब जिस जगह की हड्डी टूट गई हो उस अंग को स्पिलिंट लगा कर हिलने न दे. फ्रेक्चर होने पर खून बह रहा है तो पट्टी बांध दे और मरीज को फौरन नजदीकी डॉक्टर के पास या अस्पताल लेकर जाए. शरीर के जिस अंग पर फ्रेक्चर हुआ है उसे लटकाए नहीं. अंगुलियों का निरंतर व्यायाम करे. मरीज के अंगुलियों में सूजन, नीली पड़ना या खुजली हो तो डॉक्टर को फौरन दिखाए. प्लास्टर को पानी से बचाएं. हड्डी के संबंध में डॉक्टर से सलाह ले. हड्डी जुड़ने के बाद एक्सपर्ट की सलाह से व्यायाम करे. फ्रेक्चर के समय वजन न बढ़ने दे. लम्बे समय तक आलती-पालती मारकर बैठने से बचे. कैल्शियम और विटामिन डी उचित मात्रा में ले. कैल्शियम की कमी, भोजन में पौष्टिकता का अभाव और शारीरिक गतिविधियां कम होने से हड्डियां कमजोर हो जाती है जिसे आस्टियोपोरोसिस कहते है, इससे बचने के लिए पौष्टिक आहार ले. स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन न करे. खाने में दूध, पनीर व अलसी को शामिल करे. रोज 5 से 10 मिनट धूप में बैठे. ये भी पढ़े माँ के प्रेग्नेंसी में टेंशन लेने से होता है नुकसान नाइट शिफ्ट में काम करने से बढ़ता है वजन डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में भारत सबसे आगे