स्वस्तिक बनाने में रखें ये सावधानियां

किसी भी काम काम के आरम्भ में भगवान गणेश का स्मरण कर उनका पूजन किया जाता है . इसीलिए उन्हें प्रथमेश भी कहा गया है..मान्यता है कि स्वस्तिक बनाने से कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं जाती हैं,क्योंकि स्वस्तिक नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकारात्मकता को बढ़ाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार स्वस्तिक बनाते समय कुछ सावधानियां रखना चाहिए, अन्यथा कार्यों में परेशानियां आ सकती हैं .कुछ अशुभ होने की आशंका रहती है. इसलिए स्वस्तिक बनाते समय ये सावधानियां जरूर रखें -

उल्टा स्वस्तिक न बनाएं : ध्यान रखें कभी भी मंदिर के अलावा कहीं और उल्टा स्वस्तिक नहीं बनाना चाहिए. मंदिर में उल्टा स्वस्तिक मनोकामनाओं के लिए बनाया जाता है, लेकिन घर या दुकान में उल्टा स्वस्तिक नहीं बनाना चाहिए. ऐसा करने पर पूजा-पाठ का पूरा फल भी नहीं मिलता है.

टेढ़ा स्वस्तिक न बनाएं : स्वस्तिक एकदम सीधा बनाना चाहिए. टेढ़ा स्वस्तिक शुभ नहीं माना जाता है. ये शुभ चिन्ह सुंदर, सीधा और साफ दिखना चाहिए.

स्वस्तिक और स्वच्छता : घर में या दुकान में जहां भी स्वस्तिक बनाया जाता है, उस जगह पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए . स्वस्तिक के आसपास गंदगी होना अमंगल की निशानी है. इसलिए सफाई का विशेष ध्यान रखें.

स्वस्तिक से जुड़े अन्य तथ्य : वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए पूजा करते समय हल्दी से स्वस्तिक बनाना चाहिए.सभी प्रकार की सामान्य पूजा, जबकि हवन में कुमकुम या रोली से स्वस्तिक बनाना चाहिए. वहीं घर को बुरी नजर से बचाने के लिए घर के बाहर गोबर से स्वस्तिक बनाना चाहिए.स्वस्तिक घर के मुख्य द्वार पर बनाने से कई वास्तुदोष खत्म होते हैं.

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