रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय माना जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से मानी गई है। वैसे रुद्राक्ष धारण करने के धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। कहा जाता है रुद्राक्ष पहनने से रक्तचाप, हृदय रोग आदि से रहत मिलती है। इसी के साथ एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक रुद्राक्ष पाए जाते हैं और इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है। हालाँकि रुद्राक्ष धारण करने से पहले इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद आवश्यक होता है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। रुद्राक्ष पहनने के नियम- * कहा जाता है रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें। * रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इस वजह से इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें। * रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए। * कहा जाता है स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए। * अगर आप रुद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करें। * इस दौरान यह ध्यान रखें कि माला 27 मनकों से कम की नहीं होनी चाहिए। * कहा जाता है रुद्राक्ष आप चांदी या सोने में जड़वाकर भी धारण कर सकते हैं। * रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा या अन्य किसी भी प्रकार से नशीली चीजों का सेवन न करें। * रुद्राक्ष की माला पहनकर स्त्री गमन नहीं करना चाहिए। * रुद्राक्ष शिवलिंग अथवा शिव प्रतिमा से स्पर्श कराकर ही धारण करना चाहिए। * रुद्राक्ष धारण करने पर व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि इससे भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। एकमुखी से लेकर पांचमुखी तक, जानिए किस रुद्राक्ष को पहनने से क्या होता है लाभ आज इस रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें 11 कौड़ियां, बन जाएंगे करोड़पति शनिवार के दिन इस काम को करने से रंक से राजा बन जाता है मनुष्य