गर्भावस्था महिलाओं को सबसे ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है. थोड़ी सी भी लापरवाही उन्हें परेशानी दे सकती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखा जाता है. आपको बता दें, गर्भावस्था के वक्त कई तरह के बदलाव और समस्याओं से गुजरना पड़ता है. अगर आप माँ बन चुकी हैं तो ये जानती होंगी लेकिन अगर माँ बनना चाहती हैं तो कुछ बातें पहले से जान लें. इस दौरान महिलाओं को मानसिक तनाव भी घेर लेता है. लेकिन कई बार ये मानिसक तनाव इस कदर बढ़ जाता है जिसका असर उनकी याददाश्त पर पड़ने लगता है. जी हाँ, आइये जानते हैं क्या असर होता है प्रेगनेंसी का - याददाश्त में आते है ये बदलाव : * बेबी ब्रेन सिंड्रोम: आमतौर पर लोगों में यह धारणा बनी होती है कि गर्भवती महिलाओं की याद्दाश्त ‘बेबी ब्रेन’ या ‘प्रेगहेड’ सिंड्रोम के कारण कमजोर पड़ने लगती है. * मन में वहम: इस दौरान महिलाएं सोच में डूबी रहती है. वह ये सोचती रहती है की कहीं उनके गर्भवती होने से दिमाग पर इसका असर तो नहीं पड़ा रहा है. उनके मन में ऐसे कई भ्रम अपना घर बना लेते हैं. जिसके चलते उनकी स्मरण शक्ति पर इसका असर पड़ने लगता है. * धूम्रपान: अल्जाइमर के कारण हार्मोन्स का स्राव गर्भावस्था के दौरान ज्यादा मात्रा में होता है और ऐसे में ज्यादा ध्रूमपान, नशा या फिर शराब लेने वाली महिलाओं पर इसका प्रभावी असर होता है. जिससे महिलाओं में याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या हो सकती है. * नेगेटिव चीजों से दूर: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का फिट रहना बहुत जरूरी होता है. वहीं उनकी याद्दाश्त यानि स्मरण शक्ति कमजोर न हो, उसपर कोई असर ना पड़े इसका भी महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए. मोटापा कम करता है भुना हुआ चना, और भी हैं कई फायदे सेल्फ़ी और गैजेट का बुखार आपको कर सकता है बीमार जली हुई ब्रेड खाने से हो सकता है ऐसा नुकसान