शहडोल: शासन-प्रशासन तमाम कोशिश कर रही है लेकिन इसके बाद भी जिले की स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधर पा रही है. एक ना एक ऐसा किस्सा सामने आ ही जाता है जो हैरान करने वाला होता है. भरपूर संशाधन होने के बाद भी लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती है और उसका नतीजा होता है यह मामला, जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. यहाँ आज यानी बुधवार को भी एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सुर्ख़ियों का हिस्सा बन चुकी है. जी दरअसल इस लापरवाही का नतीजा एक माँ को भुगतना पड़ा है. एक गर्भवती महिला कोरास्ते में ही ग्रामीणों की मदद से अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. महिला का बिना चिकित्सकीय देखरेख के प्रसव कराना पड़ा. इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम देवरी निवासी राजकुमार चौधरी की पत्नी कुन्ती आज सुबह से ही प्रसव पीड़ा के कारण तड़प रही थी. उस समय घर के सदस्यों ने उसे अस्पताल पहुचाने के लिये बार-बार एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन उन्हें कोई जवाब ना मिल सका. अंत में निराश होकर उन्हें बड़ा कदम उठाना पड़ा. जब उन्होंने देखा कि कुन्ती की पीड़ा बढ़ती ही जा रही है तो वह उसे बाइक पर ही अस्पताल ले जाने लगे. इसी बीच रास्ते में सोन नदी पड़ी. सोन नदी के पास पहुँचते ही कुन्ती को प्रसव वेदना बढ़ गई. यह देखकर ग्रामीण नीतीश सिंह, गोपाल शर्मा और अनिल बर्मन ने सड़क पर ही उसका प्रसव करवाने की व्यवस्था की. उन्हें बिना किसी चिकित्सकीय देखरेख के महिला का प्रसव कराना पड़ा. इस दौरान कोई अनहोनी नहीं हुई लेकिन शासन-प्रशासन की कोशिशों और स्वास्थ्य सुविधा के बारे में बात करने वाले अधिकारियों के काम पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम हुआ शिक्षा मंत्रालय, नई शिक्षा नीति को मिली मंजूरी बकरीद-रक्षा बंधन पर चलेंगी 3200 अतिरिक्त बसें, इस बात का रखना होगा ध्यान 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के फैंस के लिए सामने आई बुरी खबर, रातों रात इस एक्ट्रेस ने छोड़ा शो