झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रसूता महिलाओं को मिलने वाले भोजन के सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। ताकि शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीजों को समूचित चिकित्सा सुविधा और प्रसूता महिलाओं को नाश्ता और भोजन मुहैया कराया जा सके। लेकिन सरकारी अस्पताल में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी शासन की मंशा को पलीता लगा रहे है। ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेघनगर का हैं। यहाँ प्रसूता महिलाओं को शासन से मिलने वाला भोजन व नाश्ता नही मिलने पर अब सवाल उठने लगे है, आखिर शासन के द्वारा भेजे हुए पैसों का भोजन कौन खा रहा हैं। जब कि प्रसूता महिलाओं को भोजन के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही हैं। डिलेवरी करवाने आई महिलाओं ने बताया की नाश्ते में सिर्फ आदा गिलास पानी वाला दूध, नाम मात्र का दलिया, दो ब्रेड और चाय दी जा रही हैं। वही इस मामले में अस्पताल में भोजन बनाने वाली महिलाओं का कहना है की पहले उन्हे पुरा राशन मिलता था लेकिन अब आधा राशन मिल रहा है। हालांकि बीएमओ डॉक्टर विनोद नायक द्वारा जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है। फिलहाल देखना होगा की अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही उजागर होने के बाद भी जिला प्रशासन कोई एक्शन लेता है या नहीं। महापौर ने जारी की नई टैगलाइन ‘इंदौर छुएगा स्वच्छता का सातवाँ आसमान’ नाबालिग से बलात्कार के मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास क्रिसमस की तैयारियों में जुटे लोग, 25 दिसंबर को मनाया जाएगा पर्व