प्रेमानंद महाराज ने 'विष-किट' वाले वायरल महाराज को दी ये सीख

मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से 9 किलोमीटर दूर स्थित रेवझा नामक गांव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। डॉ. अनिरुद्धाचार्य महाराज सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित हैं। हाल ही में वे एक पोडकास्ट में पहुंचे, जहां उन्होंने प्रेमानंद महाराज के बारे में चर्चा की।

पोडकास्ट में उनसे पूछा गया कि क्या वे प्रेमानंद महाराज को मानते हैं तथा उनकी बातें सुनते हैं? इस पर उन्होंने कहा, "सभी संत पूज्यनीय हैं और प्रेमानंद महाराज पर तो भगवान की ऐसी कृपा है कि वे हर समय 'श्री राधा राधा' का ही जाप करते हैं और हमेशा भगवान के आश्रित रहते हैं। हम सबको उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके दर्शन मात्र से ही सकारात्मकता प्राप्त होती है। हम भी उनके दर्शन के लिए गए थे और उन्होंने हमें सीख भी दी थी।"

प्रेमानंद महाराज ने उन्हें समझाया, "बेटा, जो आप कर रहे हो, वही सेवा करते रहो और अपने रास्ते पर स्थिर रहना, भटकना मत।" अनिरुद्धाचार्य महाराज ने आगे कहा कि संतों की एक बात ही पर्याप्त होती है और वे उन्हीं के मार्ग पर चल रहे हैं। अनिरुद्धाचार्य महाराज बचपन में प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा एवं गीता का पाठ करते थे, जिससे उनका धार्मिक ग्रंथों की तरफ रुझान बढ़ा। माता-पिता के सान्निध्य में रहते हुए, उन्होंने बचपन से ही गांव के श्री राधाकृष्ण मंदिर में जाकर ठाकुर जी की सेवा और पूजा में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। इसके बाद वे वृंदावन गए, जहां उन्होंने वेद, पुराण और शास्त्रों का अध्ययन किया। काफी कम उम्र में ही उन्होंने शास्त्रों की पढ़ाई पूरी कर ली।

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