नई दिल्ली : सोने के व्यापार को लेकर सरकार ने वातल समिति की सिफारिशों पर गौर करना शुरू कर दिया है. सोने को लेकर सरकार बड़ी नीति की तैयारियों में जुट गई है .बता दें कि वातल समिति की रिपोर्ट में सोने को सभी बंधनों से मुक्त करके और सुविधाओं के सहारे आभूषण उद्योग के लिए बड़ी लकीर खींचने का प्रयास किया गया है. उल्लेखनीय है कि वातल समिति ने सोने पर सरकार को कई बड़े सुझाव दिए हैं और 2022 तक का लक्ष्य तय करने की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में जी.डी.पी. में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान 3 प्रतिशत करने, ज्वैलरी एक्सपोर्ट 2000 करोड़ डॉलर तक पहुंचाने और इस क्षेत्र में 1 करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. यही नहीं वातल समिति ने अपने प्रतिवेदन में सोने के लिए अलग एक्सचेंज बनाने, भारतीय स्वर्ण परिषद बनाने के साथ ही घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के साथ ही सी.ए.डी. पर असर रोकने के लिए आयात को बढ़ावा देने के लिए भी कई सुझाव दिए गए हैं. यदि सरकार वातल समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करती है तो जल्द ही पीली धातु का व्यापार सोने की तरह दमकने लगेगा. इससे जहाँ सरकार को भी राजस्व मिलेगा और सराफा व्यापारियों को भी बढ़िया मुनाफा होगा. यह भी देखें शूटिंग वर्ल्ड कप में भारत को स्वर्ण मानव शरीर के इन अंगों में सोना धारण करने से मिलते है अद्भुत फायदे